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माता परमेश्वर
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माता के वचनों से उत्तर प्राप्त करना
यहां माता परमेश्वर के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न दिए गए हैं।
माता की शिक्षा
यह माता की तेरह शिक्षाओं का सारांश है।
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ऐसी स्थिति में, यह करें
महीने के वचन
माता की शिक्षा
माता की शिक्षा #1
“जैसे परमेश्वर हमेशा प्रेम देते हैं, वैसे प्रेम पाने से ज्यादा आशीष, प्रेम देने में है।”
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माता की शिक्षा #2
“जब हम परमेश्वर को महिमा देते हैं, वह महिमा अंत में हमें दी जाएगी।”
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माता की शिक्षा #3
“सुंदर मन में कोई घृणा नहीं होती और वह एक संपूर्ण प्रेम को जन्म देता है।”
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माता की शिक्षा #4
“जैसे अब्राहम ने अपने भतीजे लूत को अच्छी वस्तुएं देने पर अधिक आशीषें प्राप्त कीं, वैसे ही जब हम अपने भाइयों और बहनों को अच्छी वस्तुएं देंगे, तब हम भी बहुतायत में आशीष प्राप्त करेंगे।”
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माता की शिक्षा #5
“अपेक्षाएं पूरी न होने पर महसूस होनेवाली निराशा, घमंड है।”
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माता की शिक्षा #6
“भले ही दूसरे काम न करें, आइए हम शिकायत किए बिना ईमानदारी से काम करें। जब हम एक स्वामी के मन से काम करते हैं, तब हम आनंद और शांति से काम कर सकते हैं।”
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माता की शिक्षा #7
“शिकायत भरे हृदय से घमंड का जन्म होता है। जब हम हमेशा कृतज्ञता भरे हृदय से परमेश्वर की सेवा करेंगे, तब शिकायत और घमंड गायब हो जाएंगे, और हृदय नम्रता से भर जाएगा।”
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माता की शिक्षा #8
“जब हम अपने भाइयों और बहनों की प्रशंसा करें, वह प्रशंसा हमारे पास लौट आएगी।”
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माता की शिक्षा #9
“जिस प्रकार समुद्र सारी गंदगियों को ले लेता है और उसे साफ करता है, हमारा मन खुला और इतना सुंदर होना चाहिए जिससे हम अपने भाइयों और बहनों की गलतियों को ढंक सकें।”
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माता की शिक्षा #10
“जो भी मेमने के द्वारा मार्गदर्शन चाहता है, उसे मेमने से भी छोटा मेमना बनना चाहिए।”
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माता की शिक्षा #11
“महान पात्र बनने की प्रक्रिया में बलिदान की आवश्यकता है।”
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माता की शिक्षा #12
“परमेश्वर भी अपनी सेवा करवाने नहीं, परतु सेवा करने के लिए आए। जब हम अपनी सेवा करवाने की चाह रखे बिना, एक दूसरे की सेवा करें, तब परमेश्वर प्रसन्न होंगे।”
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माता की शिक्षा #13
“हमें वर्तमान समय के कष्टों को इसलिए धैर्य से सहना चाहिए क्योंकि स्वर्ग का राज्य हमारा होगा।”
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