FAQ

यहां उन लोगों के प्रश्नों के बाइबल आधारित उत्तर दिए गए हैं जो पहली बार माता परमेश्वर के बारे में जान रहे हैं।

Q.
एलोहीम का क्या मतलब है?

एलोहीम इब्रानी भाषा में एक बहुवचन संज्ञा है, जिसका अर्थ है एक से ज्यादा परमेश्वर। यह पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को दर्शाता है। इब्रानी भाषा में लिखे गए पुराने नियम के मूल पाठ में, परमेश्वर का वर्णन ज्यादातर एलोहीम के रूप में किया गया है। एल और एलोहा जैसे एकवचन संज्ञाओं के बजाय, जिनका अर्थ परमेश्वर या ईश्वर है, एलोहीम, जो एलोहा का बहुवचन रूप है, लगभग 2,500 बार प्रयोग किया गया है। इसका मतलब है कि परमेश्वर केवल पिता परमेश्वर के रूप में मौजूद नहीं हैं। इसलिए परमेश्वर ने कभी-कभी खुद को “हम” कहकर संदर्भित किया है(उत 1:26)।

Q.
माता परमेश्वर कौन हैं?

माता परमेश्वर सृष्टिकर्ता परमेश्वर हैं जिन्होंने पिता परमेश्वर के साथ मिलकर सभी चीजों की सृष्टि की, और वह मानव जाति की उद्धारकर्ता हैं। उत्पत्ति की पुस्तक में परमेश्वर को “हम” जैसे बहुवचन रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिन्होंने छह दिनों में सभी चीजों की सृष्टि की(उत 1:26)। परमेश्वर ने बाबेल का गुम्मट बनाने से रोकते समय और अपने नबियों को भेजते समय कहा, “आओ, हम उतर के” और “हमारी ओर से कौन जाएगा?” (उत 11:7-8; यश 6:8)। यह इस बात का प्रमाण है कि परमेश्वर, जो “हम” के रूप में दर्शाए गए हैं, पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर ने एक साथ सृष्टि की शुरुआत की और अभी भी एक साथ उद्धार का कार्य कर रहे हैं।

Q.
क्या बाइबल में माता परमेश्वर हैं?

बाइबल गवाही देती है कि स्वर्ग में केवल आत्माओं के पिता नहीं, बल्कि आत्माओं की माता भी हैं(मत 6:9; गल 4:26)। दूसरे शब्दों में, माता परमेश्वर मौजूद हैं। यह तथ्य उत्पत्ति की पुस्तक में स्पष्ट रूप से दिखाया गया है जिसे मूसा ने लिखा था। जब परमेश्वर ने मानवजाति की सृष्टि की, तो उन्होंने नर और नारी को परमेश्वर के स्वरूप और समानता में बनाया जिन्होंने स्वयं को “हम” कहा(उत 1:26-27)। दूसरे शब्दों में, नर स्वरूप के पिता परमेश्वर और नारी स्वरूप की माता परमेश्वर ने मानवजाति की सृष्टि की है। इस प्रकार, बाइबल गवाही देती है कि केवल पिता परमेश्वर ही नहीं, बल्कि माता परमेश्वर भी हैं।

Q.
कौन सा चर्च माता परमेश्वर पर विश्वास करता है?

चर्च जो माता परमेश्वर पर विश्वास करता है, चर्च ऑफ गॉड वर्ल्ड मिशन सोसाइटी है(संक्षिप्त में चर्च ऑफ गॉड)। संसार में अनगिनत चर्च हैं, लेकिन चर्च ऑफ गॉड को छोड़कर ऐसा कोई चर्च नहीं है जो माता परमेश्वर पर विश्वास करता है, जिन्होंने मानवजाति की सृष्टि की और आज भी जीवन का जल देती हैं(उत 1:26-27; प्रक 22:17)। चर्च ऑफ गॉड, जिसकी स्थापना मसीह आन सांग होंग द्वारा 1964 में की गई, बाइबल की शिक्षाओं के अनुसार पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर पर विश्वास करता है। चर्च 2,000 साल पहले यीशु मसीह द्वारा स्थापित सब्त और फसह जैसे नई वाचा के सत्य का भी पालन करता है।

Q.
क्या केवल पिता परमेश्वर ही हैं?

बाइबल में, न केवल पिता परमेश्वर हैं, बल्कि माता परमेश्वर भी हैं। जब परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया, तब उन्होंने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार, अपनी समानता में बनाएं”(उत 1:26)। यदि केवल पिता परमेश्वर ही होते, तो उन्होंने कहा होता, “मैं मनुष्य को मेरे स्वरूप के अनुसार मेरी समानता में बनाऊंगा।” लेकिन, चूंकि उन्होंने “हम” कहा, इसलिए हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि पिता परमेश्वर अकेले नहीं हैं।

तब, परमेश्वर ने खुद को “हम” और “अपने” क्यों कहा? निम्नलिखित आयत के अनुसार, परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, तब नर और नारी की सृष्टि की गई(उत 1:27) इसका अर्थ है कि परमेश्वर का अस्तित्व नर स्वरूप और नारी स्वरूप में है। दूसरे शब्दों में, पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर ने एक साथ मानवजाति को बनाया।

Q.
परमेश्वर को “पिता” कहने का क्या अर्थ है?

परमेश्वर को “पिता” कहने का अर्थ है कि हम परमेश्वर की संतान हैं, और यह माता परमेश्वर के अस्तित्व की ओर भी संकेत करता है।

परिभाषा के अनुसार, पिता वह पुरुष हैं जिनकी संतान होती है। इसलिए, यह तथ्य कि परमेश्वर को “पिता” कहा जाता है, इसका अर्थ है कि उनकी संतान हैं। वास्तव में बाइबल गवाही देती है कि हम परमेश्वर की संतान हैं(मत 6:9; 2कुर 6:17-18)। क्या पिता अकेले संतान को जन्म दे सकता है? माता के बिना संतान नहीं होतीं, संतान के बिना, एक पुरुष के पास पिता की उपाधि नहीं हो सकती। पिता की उपाधि सिर्फ तभी दी जा सकती है जब माता होती है। इसलिए, पिता परमेश्वर की उपाधि परमेश्वर की संतान और माता परमेश्वर के अस्तित्व को प्रकट करती है। बाइबल गवाही देती है कि स्वर्ग में स्वर्गीय माता का अस्तित्व है(गल 4:26)। सांसारिक परिवार में, न केवल पिता और संतान हैं, बल्कि माता भी है। इसी तरह, स्वर्गीय परिवार में न केवल पिता परमेश्वर और परमेश्वर की संतान हैं, बल्कि माता परमेश्वर भी हैं।

Q.
यीशु की दुल्हिन कौन है?

प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में यीशु की दुल्हिन माता परमेश्वर को दर्शाती है। बाइबल में यह भविष्यवाणी की गई है कि जब मेम्ने का विवाह आयोजित किया जाएगा, तब दुल्हिन प्रकट होगी(प्रक 19:7-8)। मेमने के विवाह भोज में दूल्हा, दुल्हिन और अतिथि(जिन्हें आमंत्रित किया गया है) होते हैं। मेमना, अर्थात् दूल्हा, यीशु को दर्शाता है(यूह 1:29)। विशेष रूप से, मेमना जो दुल्हिन के साथ प्रकट होता है, दूसरी बार आने वाले यीशु को दर्शाता है। दुल्हिन माता परमेश्वर को दर्शाती है जिन्हें स्वर्गीय यरूशलेम के रूप में दर्शाया गया है(प्रक 21:9-10; गल 4:26)। आमंत्रित लोग उन संतों को संदर्भित करते हैं जो अनंत जीवन की आशीष प्राप्त करेंगे(प्रक 19:9)। पवित्र आत्मा के युग में, दूसरी बार आने वाले यीशु, यानी पिता परमेश्वर और दुल्हिन, यानी माता परमेश्वर प्रकट होते हैं और वे अपने लोगों को स्वर्गीय विवाह भोज में आमंत्रित करते हैं(प्रक 22:17)।

Q.
अधिकांश ईसाई माता परमेश्वर पर विश्वास क्यों नहीं करते?

आज बहुत से लोग माता परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते जिनके बारे में बाइबल गवाही देती है, क्योंकि वे नई वाचा का पालन नहीं करते। परमेश्वर ने कहा कि वह उन लोगों के परमेश्वर होंगे जो नई वाचा की व्यवस्था को अपने हृदयों में अंकित करते हैं और उसका पालन करते हैं, और यह कि वे उनके लोग ठहरेंगे और परमेश्वर को पूरी तरह जानेंगे(यिर्म 31:31-34)। हालांकि, आज बहुत से ईसाई यीशु द्वारा स्थापित नई वाचा का फसह नहीं मनाते(लूक 22:15, 19-20)। चूंकि उन्होंने अपने मन में नई वाचा को नहीं रखा है, इसलिए वे माता परमेश्वर को नहीं पहचानते हैं।