क्या उत्पत्ति 1:26 में “हम” त्रिएक परमेश्वर की ओर संकेत नहीं करता?

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उत्पत्ति 1:26 में, परमेश्वर को “हम” कहा गया है।

फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं…” उत 1:26

यह कथन परमेश्वर पर विश्वास करनेवाले लोगों के लिए एक पहेली बनकर आया है। बहुत से लोग लंबे समय से परमेश्वर को एकवचन रूप में जानते आए हैं, इसलिए “हम” शब्द को समझना मुश्किल है। परिणामस्वरूप, कुछ लोग दावा करते हैं कि उत्पत्ति की पुस्तक में “हम” त्रिएक अर्थात् पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा को दर्शाता है; लेकिन उत्पत्ति की पुस्तक में “हम” त्रिएक का वर्णन नहीं करता है।

वह कारण कि उत्पत्ति की पुस्तक में “हम” त्रिएक नहीं है

परमेश्वर ने अपने स्वरूप और अपनी समानता में मनुष्य को बनाया। यदि हम उत्पत्ति की पुस्तक में “हम” की व्याख्या त्रिएक के रूप में करते हैं, तो हम परमेश्वर की इच्छा को गलत समझते हैं।

तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। उत 1:27

परमेश्वर ने अपने स्वरूप के अनुसार नर और नारी को बनाया। चूंकि नर और नारी का स्वरूप अस्तित्व में हैं, तो इसका मतलब है कि परमेश्वर का मूल स्वरूप नर और नारी होना चाहिए। यदि उत्पत्ति 1 में “हम” त्रिएक को दर्शाता है, तो पिता, पुत्र, या पवित्र आत्मा में से किसी एक का नारी स्वरूप होना चाहिए; लेकिन, बाइबल में हम कहीं भी खोज नहीं सकते कि त्रिएक को स्त्री के रूप में वर्णित किया गया है।

इसके अलावा, यदि मानवजाति त्रिएक के स्वरूप में सृजी गई है, तो तीन स्वरूप होने चाहिए; लेकिन, बाइबल हमें बताती है कि केवल दो स्वरूप है: नर और नारी।

त्रिएक का अर्थ है कि तीनों एक हैं

बाइबल के अनुसार, त्रिएक का अर्थ है पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर और पवित्र आत्मा परमेश्वर एक ही परमेश्वर हैं। इस वजह से, त्रिएक का वर्णन बहुवचन में कभी नहीं किया जा सकता। बाइबल कई वचनों के माध्यम से गवाही देती है कि त्रिएक परमेश्वर एक ही है। पुराना नियम गवाही देता है कि यीशु परमेश्वर हैं(यूह 5:39)। इसमें भविष्यवाणी की गई है कि जो यीशु एक बालक के रूप में जन्म लेंगे, वही यहोवा परमेश्वर हैं।

क्योंकि हमारे लिये एक बालक[यीशु] उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता… यश 9:6

इस आयत में, “बालक” यीशु को दर्शाता है जो एक मनुष्य के रूप में आए; लेकिन, पुराने नियम में वर्णित पिता परमेश्वर यहोवा हैं। क्योंकि पुत्र यीशु को पिता कहा गया है, तो यह दर्शाता है कि यीशु और यहोवा एक हैं।

पुत्र और पवित्र आत्मा भी एक ही हैं। प्रकाशितवाक्य 19 में “मेमना और दुल्हिन(मेमने की पत्नी)” को प्रकाशितवाक्य 22 में “आत्मा और दुल्हिन” के रूप में व्यक्त किया गया है।

“… क्योंकि मेम्ने का विवाह आ पहुंचा है, और उसकी दुल्हिन ने अपने आप को तैयार कर लिया है।” प्रक 19:7

आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” … प्रक 22:17

यहां, मेमना यीशु को दर्शाता है(यूह 1:29)। इन दो वचनों की तुलना करने पर, हम देख सकते हैं कि यीशु और पवित्र आत्मा एक ही हैं।

जैसा कि हम त्रिएक शब्द से समझ सकते हैं, पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर और पवित्र आत्मा परमेश्वर एक ही हैं। दूसरे शब्दों में, पिता परमेश्वर प्रत्येक युग के अनुसार पुत्र और पवित्र आत्मा की भूमिका निभाते हैं। संसार की सृष्टि के समय, पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर और पवित्र आत्मा परमेश्वर अलग-अलग अस्तित्व में नहीं थे। बल्कि, त्रिएक परमेश्वर एक इकाई के रूप में अस्तित्व था। यदि पिता परमेश्वर अकेले होते, तो उन्होंने “हम” नहीं कहा होता। यह दिखाता है कि एक से अधिक परमेश्वर हैं।

“हम” पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को दर्शाता है

यदि “हम” त्रिएक को नहीं दर्शाता, तो “हम” किसे दर्शाता है? हम परमेश्वर के स्वरूप के अनुसार बनाए गए नर और नारी को देखकर इसकी पुष्टि कर सकते हैं। पुरुष परमेश्वर के नर स्वरूप के अस्तित्व की गवाही देता है और स्त्री परमेश्वर के नारी स्वरूप के अस्तित्व की गवाही देती है। बाइबल हमें बताती है कि परमेश्वर का नर स्वरूप हमारे पिता हैं।

“अत: तुम इस रीति से प्रार्थना किया करो : ‘हे हमारे पिता , तू जो स्वर्ग में है…’ ” मत 6:9

यदि नर स्वरूप के परमेश्वर पिता परमेश्वर हैं, तो नारी स्वरूप की परमेश्वर कौन है? वह हमारी “माता” हैं।

पर ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है। गल 4:26

उत्पत्ति 1:26 में “हम” त्रिएक को नहीं दर्शाता, बल्कि पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को दर्शाता है। यदि हम सोचते हैं कि केवल पिता परमेश्वर हैं, तो उत्पत्ति की पुस्तक में “हम” एक पहेली बनी रहेगी। जब हम बाइबल के बारे में अपने पारंपरिक विचारों को हटा देते हैं, तो हम परमेश्वर को सही तरह से समझ सकते हैं जिन्होंने “हम” और “अपने” कहा।