बाइबल में विवाह भोज के दृष्टांत का अर्थ और व्याख्या |
दुल्हिन अंतिम दिनों में प्रकट होती है

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स्वर्गीय विवाह भोज के दृष्टान्त में दुल्हिन कौन है, और वह कब प्रकट होगी? बाइबल गवाही देती है कि विवाह भोज के दृष्टान्त में दुल्हिन माता परमेश्वर हैं, जो अंतिम दिनों में जीवन के जल का स्रोत हैं। इस दृष्टान्त में, दूल्हा और अतिथि प्रकट होते हैं; लेकिन, दुल्हिन जो विवाह भोज की मुख्य पात्र है, प्रकट नहीं होती। दुल्हिन, जो यीशु के पहले आगमन के समय प्रकट नहीं हुई थी, वह प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में प्रकट होती है। दुल्हिन माता परमेश्वर, जो स्वर्गीय यरूशलेम हैं, वह पिता परमेश्वर अर्थात् मेम्ना जो दूसरी बार आने वाले यीशु हैं, के साथ अंतिम दिनों में प्रकट होने वाली हैं। बाइबल हमें बताती है कि अंतिम दिनों में वे लोग जो स्वर्गीय विवाह भोज में दूल्हा और दुल्हिन, पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को ग्रहण करते हैं, वे जीवन का जल अर्थात् अनन्त जीवन प्राप्त करेंगे।

विवाह भोज के दृष्टान्त में जो दुल्हिन है, वह यीशु के पहली बार आते समय प्रकट नहीं हुई

यीशु ने हमारे उद्धार प्राप्त करने और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने की तुलना विवाह भोज में आमंत्रित किए जाने और उसमें भाग लेने से की। कई प्रकार के भोज में से परमेश्वर ने विशेष रूप से विवाह भोज का उल्लेख किया। इसमें एक महत्वपूर्ण कारण है।

यीशु फिर उनसे दृष्टान्तों में कहने लगा, “स्वर्ग का राज्य उस राजा के समान है, जिसने अपने पुत्र का विवाह किया। और उसने अपने दासों को भेजा कि निमन्त्रित लोगों को विवाह के भोज में बुलाएं; परन्तु उन्होंने आना न चाहा… तब उसने अपने दासों से कहा, ‘विवाह का भोज तो तैयार है परन्तु निमन्त्रित लोग योग्य नहीं ठहरे। इसलिये चौराहों पर जाओ और जितने लोग तुम्हें मिलें, सबको विवाह के भोज में बुला लाओ।’ अत: उन दासों ने सड़कों पर जाकर क्या बुरे क्या भले, जितने मिले, सबको इकट्ठा किया; और विवाह का घर अतिथियों से भर गया।” मत 22:1-10

विवाह भोज में कौन उपस्थित होना चाहिए? विवाह भोज के आयोजन के लिए दुल्हे के साथ दुल्हिन भी होनी चाहिए, और भोज में बहुत से अतिथियों को आना चाहिए। दूसरे शब्दों में, विवाह भोज को संभव बनाने के लिए आवश्यक तत्व दूल्हा, दुल्हिन और अतिथि है।

मत्ती अध्याय 22 के विवाह भोज के दृष्टान्त में, हम राजा के पुत्र यानी दूल्हे को देख सकते हैं। राजा का पुत्र यीशु को दर्शाता है, जो परमेश्वर के पुत्र के रूप में आए। इसके बाद, वे लोग हैं जिन्हें अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। इस दृष्टान्त में अतिथि उन संतों को दर्शाते हैं जो यीशु को ग्रहण करेंगे और स्वर्ग में प्रवेश करेंगे। इस दृष्टान्त में, दूल्हा और अतिथि दिखाई देते हैं।

लेकिन आप दुल्हिन को नहीं देख सकते जो विवाह भोज की मुख्य पात्र है। दुल्हिन के बिना, विवाह भोज नहीं हो सकता। उसके बावजूद यीशु ने क्यों दुल्हिन के बारे में नहीं बताया? क्या यह इसलिए है क्योंकि स्वर्गीय विवाह भोज में दुल्हिन नहीं है? नहीं। यह इसलिए है क्योंकि 2,000 वर्ष पहले जब यीशु पहली बार आए, वह दुल्हिन के प्रकट होने का समय नहीं था।

विवाह भोज के दृष्टान्त में दुल्हिन अंतिम दिनों में प्रकट होती है

तब, विवाह भोज के दृष्टान्त में दुल्हिन कब प्रकट होगी? बाइबल भविष्यवाणी करती है कि यीशु के दूसरी बार आते समय, अर्थात् अंतिम दिनों में दुल्हिन प्रकट होगी।

आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें, क्योंकि मेम्ने का विवाह आ पहुंचा है, और उसकी दुल्हिन ने अपने आप को तैयार कर लिया है। उसको शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहिनने का अधिकार दिया गया”– क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धर्म के काम है। तब स्वर्गदूत ने मुझ से कहा, “यह लिख, कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के विवाह के भोज में बुलाए गए हैं।” फिर उसने मुझ से कहा, “ये वचन परमेश्वर के सत्य वचन हैं।” प्रक 19:7-9

बाइबल के इस दृश्य में, दुल्हिन अर्थात् मेमने की पत्नी, जो यीशु के पहले आगमन के समय प्रकट नहीं हुई थी, अब मेम्ने के साथ, जो दूल्हा है, विवाह भोज में प्रकट हो रही है। और विवाह भोज में बुलाए गए लोग यानी अतिथि हैं। स्वर्गीय विवाह भोज में भी दुल्हा और अतिथि के अलावा दुल्हिन भी होती है। इसलिए यीशु मसीह ने हमारे उद्धार पाकर स्वर्ग जाने की तुलना किसी और भोज से नहीं, लेकिन विवाह भोज से की। परमेश्वर 2,000 वर्ष पहले से ही हमें बताना चाहते थे कि दुल्हिन का अस्तित्व है।

तब प्रकाशितवाक्य 19 की भविष्यवाणी में दूल्हा यानी मेम्ना किसे दर्शाता है? बाइबल में यीशु का वर्णन मेम्ने के रूप में किया गया है(यूह 1:29), और प्रकाशितवाक्य 19 में मेम्ना दूसरी बार आने वाले यीशु को दर्शाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मेम्ना अपने पहले आगमन के विपरीत, दुल्हिन के साथ प्रकट होता है। इसलिए प्रकाशितवाक्य 19 में मेम्ना केवल दूसरी बार आने वाले यीशु को ही दर्शा सकता है। और बुलाए गए लोग यानी अतिथि, अनन्त जीवन पाने वाले संतों को दर्शाते हैं। तब, दुल्हिन यानी मेमने की पत्नी कौन है जो दूसरी बार आने वाले यीशु के साथ प्रकट होती है?

फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात अन्तिम विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उनमें से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें करके कहा, “इधर आ, मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।” तब वह मुझे आत्मा में एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया। प्रक 21:9-10

स्वर्गदूत ने प्रेरित यूहन्ना से कहा कि वह उसे मेमने की पत्नी, दुल्हिन दिखाएगा, और फिर स्वर्गदूत ने उसे यरूशलेम को स्वर्ग से उतरते दिखाया। इसका मतलब यह नहीं है कि दुल्हिन एक वास्तविक नगर है। जिस प्रकार दूल्हा एक वास्तविक पशु नहीं है भले ही प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में स्वर्गीय विवाह भोज में उसे मेमने के रूप में वर्णित किया गया है, उसी प्रकार दुल्हिन भी एक वास्तविक नगर नहीं है; परन्तु, बाइबल में उसे स्वर्गीय यरूशलेम के रूप में दर्शाया गया है। तब, बाइबल में स्वर्गीय यरूशलेम किसे दर्शाती है?

“पर ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है।” गल 4:26

यरूशलेम जो स्वर्ग में हैं वह हमारी माता हैं। इसलिए, दुल्हिन के प्रकट होने की प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणी का मतलब है कि माता परमेश्वर इस पृथ्वी पर प्रकट होंगी। इसलिए दुल्हिन के बारे में ऐसा लिखा गया है कि वह स्वर्ग से उतरती हैं।

मेम्ना पिता परमेश्वर हैं और उनकी दुल्हिन यरूशलेम माता हैं। पिता परमेश्वर, जो मेम्ना और दूसरी बार आने वाले यीशु हैं, माता परमेश्वर के साथ, जो दुल्हिन हैं, एक साथ प्रकट होते हैं और संतों को स्वर्गीय विवाह भोज में आमंत्रित करते हैं। पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर के प्रकट होने के बारे में, प्रकाशितवाक्य 22 कहता है कि अन्तिम दिनों में आत्मा और दुल्हिन एक साथ प्रकट होंगे।

आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले। प्रक 22:17

अन्तिम दिनों में आत्मा और दुल्हिन के प्रकट होने का उद्देश्य जीवन का जल, यानी अनन्त जीवन देना है। इसी कारण बाइबल कहती है कि धन्य वे हैं, जो मेम्ने के विवाह के भोज में बुलाए गए हैं(प्रक 19:9)। अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए, हमें न केवल पिता परमेश्वर बल्कि माता परमेश्वर को भी ग्रहण करना चाहिए। केवल तभी हम विवाह भोज के अतिथियों के रूप में जीवन का जल प्राप्त कर सकते हैं, और अनन्त स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकते हैं(प्रक 19:9)।

अंत के दिनों में जीवन के जल का स्रोत, माता परमेश्वर

इस प्रकार, बाइबल भविष्यवाणी करती है कि जब यीशु दूसरी बार आएंगे, तब आत्मा और दुल्हिन, जो पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर हैं, एक साथ प्रकट होंगे। हालांकि, बहुत से ईसाई गलती से सोचते हैं कि यीशु के दूसरे आगमन का दिन अंतिम न्याय का दिन है। यह विचार बाइबल के माध्यम से यीशु द्वारा सिखाई गई शिक्षा से बहुत अलग है।

“तब वे मनुष्य के पुत्र को सामर्थ्य और बड़ी महिमा के साथ बादल पर आते देखेंगे। जब ये बातें होने लगें, तो सीधे होकर अपने सिर ऊपर उठाना; क्योंकि तुम्हारा छुटकारा निकट होगा।” लूक 21:27-28

ऊपर के वचन में, “तुम्हारा” शब्द उन संतों को संकेत करता है जिन्होंने चेलों के समान पहले से ही मसीह को ग्रहण कर लिया है। इसलिए, “तुम्हारे छुटकारे का दिन” उस न्याय के दिन को दर्शाता है, जब परमेश्वर के लोग स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करेंगे(2पत 3:12-13; इफ 4:30)। परन्तु जब मनुष्य का पुत्र, अर्थात् यीशु, ने यह कहा कि वह फिर आएंगे, तब वह न्याय के दिन की नहीं, बल्कि उस समय की बात कर रहे थे जब वह दिन “निकट” होगा। इसलिए, यीशु, जो मेम्ना हैं, के बारे में भविष्यवाणी की गई है कि वह अंतिम दिनों में प्रकट होंगे जब अंतिम न्याय निकट होगा, और उस समय दुल्हिन भी प्रकट होगी। अंतिम दिनों में, मेम्ना और उसकी पत्नी, जो आत्मा और दुल्हिन हैं, शरीर में इस पृथ्वी पर आएंगे और सभी आत्मिक रूप से प्यासे लोगों को जीवन का जल प्राप्त करने के लिए अपने पास आने के लिए आमंत्रित करेंगे।

पुराने नियम में, जकर्याह नबी ने भी उस दुल्हिन के बारे में भविष्यवाणी की थी जो अंतिम दिनों में जीवन का जल देगी।

उस दिन यरूशलेम से बहता हुआ जल फूट निकलेगा उसकी एक शाखा पूरब के ताल और दूसरी पश्चिम के समुद्र की ओर बहेगी, और धूप के दिनों में और जाड़े के दिनों में भी बराबर बहती रहेंगी। जक 14:8

प्रकाशितवाक्य की पुस्तक गवाही देती है कि दुल्हिन, जिसकी तुलना स्वर्गीय यरूशलेम से की गई है, जीवन का जल देगी। इसके अतिरिक्त, जकर्याह नबी ने भी यह गवाही दी कि यरूशलेम से जीवन का जल बह निकलेगा। इसका मतलब है कि जकर्याह 14 में संदर्भित यरूशलेम, प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में वर्णित दुल्हिन, अर्थात् स्वर्गीय माता को दर्शाती है। जकर्याह नबी ने बार-बार भविष्यवाणी की कि सभी लोग यरूशलेम, जो जीवन के जल का स्रोत है, में आएंगे और जो लोग यरूशलेम में नहीं आएंगे, उन पर विपत्ति आ पड़ेगी।

तब जितने लोग यरूशलेम पर चढ़नेवाली सब जातियों में से बचे रहेंगे, वे प्रति वर्ष राजा को अर्थात् सेनाओं के यहोवा को दण्डवत् करने, और झोपड़ियों का पर्व मानने के लिये यरूशलेम को जाया करेंगे। और पृथ्वी के कुलों में से जो लोग यरूशलेम में राजा, अर्थात् सेनाओं के यहोवा को दण्डवत् करने के लिये न जाएंगे, उनके यहां वर्षा न होगी। यदि मिस्र का कुल वहां न आए, तो क्या उन पर वह मरी न पड़ेगी जिससे यहोवा उन जातियों को मारेगा जो झोपड़ियों का पर्व मानने के लिये न जाएंगे? जक 14:16–18

“यहोवा यरूशलेम को स्थिर करेगा”

मानवजाति स्वर्गीय माता के अस्तित्व के बारे में नहीं जानती थी, यहां तक कि वह इस तथ्य से भी अनजान थी कि वह अंतिम दिनों में इस पृथ्वी पर प्रकट होंगी। तब हमें स्वर्गीय माता के बारे में कौन जानने देगा?

हे यरूशलेम, मैं ने तेरी शहरपनाह पर पहरुए बैठाए हैं; वे दिन रात कभी चुप न रहेंगे। हे यहोवा को स्मरण करनेवालो, चुप न रहो, और जब तक वह यरूशलेम को स्थिर करके उसकी प्रशंसा पृथ्वी पर न फैला दे, तब तक उसे भी चैन न लेने दो। यश 62:6-7

यरुशलेम, जिसकी प्रशंसा इस पृथ्वी पर फैलाई जाएगी, यह स्वर्गीय यरुशलेम के बारे में भविष्यवाणी है जो हमारी माता हैं। लेकिन, बाइबल कहती है कि यहोवा, जो हमारे स्वर्गीय पिता हैं, स्वर्गीय माता को स्थिर करेंगे। परमेश्वर ने उत्पत्ति की पुस्तक में आदम और हव्वा के माध्यम से माता परमेश्वर की गवाही दी।

तब आदम ने कहा, “अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी और मेरे मांस में का मांस है; इसलिए इसका नाम नारी होगा, क्योंकि यह नर में से निकाली गई है।” उत 2:23

आदम ने यह कहते हुए कि “यह मेरी हड्डियों में की हड्डी और मेरे मांस में का मांस है,” गवाही दी कि हव्वा उसके साथ एक देह है। आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, जिसका अर्थ जीवन है।

आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा; क्योंकि जितने मनुष्य जीवित हैं उन सब की आदिमाता वही हुई। उत 3:20

इब्रानी भाषा में “हव्वा” नाम का अर्थ जीवन है। वह कौन था जिसने उस स्त्री को हव्वा नाम दिया, जिसका अर्थ जीवन है? वह आदम था। आदम और हव्वा की यह कहानी सिर्फ अतीत में बीता हुआ इतिहास नहीं है जिसे मनमाने ढंग से लिखा गया हो। बाइबल गवाही देती है कि आदम और हव्वा परमेश्वर के स्वरूप और समानता में सृजे गए, और इस कारण वे अंतिम दिनों में आने वाले पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को दर्शाते हैं(रो 5:14)। सातवें दिन सब्त से ठीक पहले छठे दिन आदम और हव्वा की सृष्टि का अर्थ यह है कि हमारे स्वर्गीय पिता अर्थात् दूसरी बार आने वाले मसीह, जो बाइबल के अनुसार आदम के रूप में दर्शाए गए हैं, अनन्त विश्राम के आने से ठीक पहले स्वर्गीय माता के साथ प्रकट होंगे। बाइबल में दर्ज वह इतिहास जिसमें आदम ने अपनी पत्नी हव्वा के बारे में गवाही दी, यह भविष्यवाणी है कि स्वयं स्वर्गीय पिता उस स्वर्गीय माता के बारे में गवाही देंगे जो हव्वा के रूप में दर्शाई गई हैं।

इन भविष्यवाणियों के अनुसार, अंतिम दिनों में आत्मा अर्थात् स्वर्गीय पिता आन सांग होंग ने दुल्हिन अर्थात् स्वर्गीय माता की गवाही दी है। उन्होंने यह भी सिखाया कि यदि हम अनन्त जीवन प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें स्वर्गीय माता पर विश्वास करना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए। इसलिए, हमें अनन्त जीवन की आशीष प्राप्त करने और स्वर्ग में प्रवेश करने के लिए स्वर्गीय माता को ग्रहण करना चाहिए जिनके बारे में स्वयं स्वर्गीय पिता ने हमें सिखाया है।