क्या प्रकाशितवाक्य 22:17 में ‘दुल्हिन’ चर्च(संत) नहीं है?

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प्रकाशितवाक्य 22 में, यह लिखा है कि आत्मा और दुल्हिन जीवन का जल देते हैं।

आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले। प्रक 22:17

कुछ लोग दावा करते हैं कि प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में दुल्हिन चर्च(संत) है। हालांकि, यहां आत्मा और दुल्हिन पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को संकेत करते हैं।

आत्मा और दुल्हिन कौन हैं जो हमें जीवन का जल देते हैं?

आइए हम प्रकाशितवाक्य 22 में दुल्हिन के कार्य पर ध्यान दें।

आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले। प्रक 22:17

दुल्हिन वह है जो जीवन का जल देती है। बाइबल में चर्च संतों को दर्शाता है(1कुर 1:2)। इस प्रकार, यदि दुल्हिन चर्च को दर्शाती है, तो इसका मतलब यह होगा कि संत जीवन का जल दे सकते हैं। क्या बाइबल में लिखा है कि चर्च या संत जीवन का जल दे सकते हैं? हम बाइबल में ऐसा अभिलेख नहीं खोज सकते। बाइबल हमें बताती है कि केवल उद्धारकर्ता, परमेश्वर के पास हमें जीवन का जल देने का अधिकार है।

पिता के युग में, जीवन के जल का स्रोत केवल यहोवा परमेश्वर थे(यिर्म 2:13)। उस युग के दौरान, कई भविष्यवक्ताओं ने परमेश्वर के वचन का प्रचार किया; लेकिन बाइबल में ऐसा कोई अभिलेख नहीं है जिसमें लिखा है कि भविष्यवक्ता जीवन का जल देने में सक्षम थे।

पुत्र के युग में, केवल यीशु ने जीवन का जल दिया(यूह 4:14)। उन दिनों में, कई संतों ने परमेश्वर के वचन का प्रचार किया; लेकिन बाइबल में ऐसा कोई अभिलेख नहीं है जिसमें लिखा है कि संत जीवन का जल देने में सक्षम थे। किसी भी युग में, ऐसा कोई वचन नहीं है जिसमें लिखा है कि संतों ने परमेश्वर की ओर से जीवन का जल दिया।

बाइबल की इस सुसंगत शिक्षा से, यह स्पष्ट है कि दुल्हिन जो प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में जीवन का जल देती है, वह उद्धारकर्ता है, न कि संत। इसलिए प्रकाशितवाक्य 21 में लिखा है कि “परमेश्वर” प्यासे लोगों को जीवन का जल सेंतमेंत देंगे; और प्रकाशितवाक्य 22 में लिखा है कि “आत्मा और दुल्हिन” जीवन का जल सेंतमेंत देंगे।

जो सिंहासन पर बैठा था(परमेश्वर), उसने कहा… “मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंतमेंत पिलाऊंगा… मैं उसका परमेश्वर होऊंगा और वह मेरा पुत्र होगा।” प्रक 21:5-7

आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले। प्रक 22:17

निष्कर्ष में, आत्मा और दुल्हिन परमेश्वर हैं जो प्यासे लोगों को सेंतमेंत जीवन का जल देते हैं।

जीवन का जल जो केवल परमेश्वर ही दे सकते हैं

आपको क्या लगता है कि बाइबल में ऐसा कोई आयत क्यों नहीं है जो कहता है कि संत(भविष्यवक्ता या प्रेरित) जीवन का जल दे सकते हैं? हम मूसा के उदाहरण से इसका कारण आसानी से समझ सकते हैं।

जंगल के मार्ग पर, मूसा ने अपनी लाठी से चट्टान पर मारा जिससे इस्राएलियों के लिए पानी निकला। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उन्हें पानी मूसा ने नहीं, बल्कि परमेश्वर ने दिया। लेकिन, मूसा ने, जो लोगों की शिकायतों से परेशान था, कहा, “हे दंगा करनेवालों, सुनो, क्या हम को इस चट्टान में से तुम्हारे लिए जल निकालना होगा?”(गिन 20:10)।

उस समय, मूसा ने गलत बात कही मानो उसी ने लोगों को वह पानी दिया जो परमेश्वर ने प्रदान किया था। मूसा एक महान नबी था जिसने लगभग 40 वर्षों तक इस्राएल का नेतृत्व किया, लेकिन उस समय कहे गए उसके शब्दों के कारण, वह प्रतिज्ञा की भूमि कनान में प्रवेश नहीं कर सका(व्य 32:48-52)।

यहां तक कि परमेश्वर द्वारा दिए गए शरीरिक जल के बारे में भी, जब एक नबी ने ऐसा कहा जैसे कि उसने स्वयं लोगों को वह दिया हो, तो वह कनान में प्रवेश नहीं कर सका। तो, क्या होगा यदि संत कहें कि वे जीवन का जल देंगे, जो केवल परमेश्वर ही दे सकते हैं? बाइबल में, जो परमेश्वर का वचन है और जिसे नबियों ने परमेश्वर से प्राप्त करके लिखा था, उसमें किसी मनुष्य द्वारा जीवन का जल देने का कोई अभिलेख नहीं है। इसका अर्थ यह है कि आत्मा और दुल्हिन, जो प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में जीवन का जल देते हैं, वे कभी भी संत नहीं हो सकते।

दुल्हिन परमेश्वर के लोगों की माता है

तब, प्रकाशितवाक्य 22 में वह दुल्हन कौन है जो जीवन का जल देती है?

फिर जिन सात स्वर्गदूतों… उनमें से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें करके कहा, “इधर आ, मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।”… और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया। प्रक 21:9-10

बाइबल हमें बताती है कि दुल्हिन स्वर्गीय यरूशलेम है। यदि दुल्हिन संत हैं, तो बाइबल में स्वर्गीय यरूशलेम को हम, अर्थात संतों के रूप में व्यक्त किया जाना चाहिए, जो उद्धार प्राप्त करेंगे। लेकिन गलातियों 4 में, स्वर्गीय यरूशलेम को हमारी माता कहा गया है।

पर ऊपर(स्वर्ग) की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है। गल 4:26

दुल्हिन संतों को नहीं, बल्कि हमारी माता को दर्शाती है। बाइबल बार-बार गवाही देती है कि परमेश्वर के लोग “स्वतंत्र स्त्री की संतान” हैं(गल 4:31)। यह हमें सिखाता है कि हम स्वतंत्र स्वर्गीय माता की संतान हैं, और यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हम और स्वर्गीय माता मूल रूप से भिन्न हैं। इसलिए, प्रकाशितवाक्य 22 में “दुल्हिन” चर्च(संत) नहीं है, लेकिन स्वर्गीय माता हैं, जो जीवन का जल देती हैं। पवित्र आत्मा के युग में, केवल आत्मा और दुल्हिन ही हमें जीवन का जल दे सकते हैं।