बाइबल परमेश्वर के छह दिन की सृष्टि के कार्य से शुरू होती है। परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी, सूर्य, चंद्रमा, तारों, पशुओं, पौधों और अन्य सभी प्राणियों को अपने वचनों से बनाया। छठे दिन, परमेश्वर ने मनुष्य को भूमि की मिट्टी और जीवन के श्वास से बनाया। सृष्टि के अंतिम दिन, प्रथम पुरुष और स्त्री, आदम और हव्वा, परमेश्वर के स्वरूप के अनुसार बनाए गए थे।
जब हम बाइबल के सत्य का अध्ययन करते हैं, तो हम जान सकते हैं कि छह दिनों की सृष्टि केवल बिता इतिहास नहीं, बल्कि परमेश्वर के छुटकारे के कार्य की भविष्यवाणी है। ‘आत्मिक रूपरेखा’ जिसमें परमेश्वर के छुटकारे के कार्य की योजना शामिल है, उसमें सातवें दिन के विश्राम से ठीक पहले प्रकट हुए आदम और हव्वा उद्धारकर्ता को दर्शाते हैं जो छुटकारे के कार्य के अंत में पवित्र आत्मा और दुल्हिन के रूप में प्रकट होंगे।
छह दिन की सृष्टि की भविष्यवाणी
जिन लोगों ने बाइबल को शुरू से पढ़ा है, उन्होंने उत्पत्ति अध्याय 1 में यह वर्णन देखा होगा कि परमेश्वर ने छह दिनों में आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की। यह सिर्फ एक बीता हुआ इतिहास नहीं, बल्कि एक भविष्यवाणी है।
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, ‘मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।’ यश 46:10
यदि परमेश्वर ने आदि से ही अंत को और प्राचीन काल से होने वाली बातों को प्रकट किया है, तो अवश्य ही उन्होंने अपने छुटकारे के कार्य के अंत को भी आदि से प्रकट किया होगा। जिस प्रकार किसी भवन के निर्माण के लिए पहले एक रूपरेखा तैयार किया जाता है, उसी प्रकार परमेश्वर ने भी अपने छुटकारे के कार्य को करने से पहले एक योजना बनाई।
परमेश्वर की योजना की आत्मिक रूपरेखा उत्पत्ति 1 में दर्ज छह दिन की सृष्टि है। (उत 2:2) परमेश्वर ने छह दिनों में सभी चीजों की सृष्टि की और सातवें दिन विश्राम किया। (भज 95:11, IBP) हालांकि, परमेश्वर का विश्राम आदि में ही था, फिर भी बहुत समय बीत जाने के बाद उन्होंने कहा, “ये मेरे विश्राम में प्रवेश न करने पाएंगे।” यहां, परमेश्वर का विश्राम बीते इतिहास के रूप में नहीं, बल्कि भविष्य की घटना के रूप में लिखा गया था। रित पौलुस ने कहा, “यह बात बाकी है कि कितने और हैं जो उस विश्राम में प्रवेश करें,” और उसने कहा कि वे नए नियम के समय में संत हैं।
… यद्यपि जगत की उत्पत्ति के समय से उसके काम पूरे हो चुके थे। क्योंकि सातवें दिन के विषय में उसने कहीं यों कहा है, “परमेश्वर ने सातवें दिन अपने सब कामों को निपटा करके विश्राम किया।” और इस जगह फिर यह कहता है, “वे मेरे विश्राम में प्रवेश न करने पाएंगे।” तो जब यह बात बाकी है कि कितने और हैं जो उस विश्राम में प्रवेश करें… अत: हम उस विश्राम में प्रवेश करने का प्रयत्न करें… इब्र 4:3-6, 11
यहां, शब्द, “हम” नए नियम के संतों को संकेत करता है जो स्वर्ग की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए, सातवें दिन का विश्राम, जो छह दिनों की सृष्टि के बाद आया, उस विश्राम के बारे में एक भविष्यवाणी है जिसका परमेश्वर के लोग स्वर्ग के राज्य में आनंद लेंगे।
आदम और हव्वा को विश्राम से ठीक पहले बनाया गया
सृष्टि के इतिहास में, हम देख सकते हैं कि छठे दिन, परमेश्वर ने घरेलू पशुओं और सब जन्तुओं को बनाया, जिसके बाद उन्होंने अंत में आदम और हव्वा को बनाया।
… फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। और परमेश्वर ने उनको आशीष दी, और उनसे कहा, “फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।” उत 1:24-28
परमेश्वर ने अन्य सभी प्राणियों के विपरीत, आदम और हव्वा को विशेष रूप से अपने स्वरूप और समानता में बनाया और उन्हें सभी जन्तुओं पर अधिकार दिया। आदम और हव्वा, जो सातवें दिन विश्राम से ठीक पहले प्रकट हुए, किसे दर्शाते हैं?
आदम पिता परमेश्वर को दर्शाता है
तौभी आदम से लेकर मूसा तक मृत्यु ने उन लोगों पर भी राज्य किया, जिन्होंने उस आदम, जो उस आनेवाले का चिह्न है, के अपराध के समान पाप न किया… जब एक मनुष्य के अपराध से बहुत लोग मरे, तो परमेश्वर का अनुग्रह और उसका जो दान एक मनुष्य के, अर्थात् यीशु मसीह के, अनुग्रह से हुआ बहुत से लोगों पर अवश्य ही अधिकाई से हुआ। रो 5:14-15
यहां, ‘आने वाला’ यीशु को दर्शाता है, जो आदम के अपराध से मर रही मानव जाति को बचाने के लिए क्रूस पर मरे। इसके अलावा, बाइबल यीशु को अंतिम आदम के रूप में वर्णित करती है, जो मानव जाति का उद्धार करेंगे।
ऐसा ही लिखा भी है, कि “प्रथम मनुष्य, अर्थात् आदम जीवित प्राणी बना” और अन्तिम आदम, जीवनदायक आत्मा बना। 1कुर 15:45
इस प्रकार, बाइबल में आदम शरीर में आए पिता परमेश्वर, यीशु को दर्शाता है(यश 9:6)। तब, छह दिनों की सृष्टि की भविष्यवाणी में, क्या आदम, जो सातवें दिन के विश्राम से ठीक पहले अंतिम दिन प्रकट हुआ, पहली बार आने वाले यीशु को दर्शाता है या दूसरी बार आने वाले यीशु को? प्रथम यीशु अनंत विश्राम से ठीक पहले नहीं, लेकिन 2,000 वर्ष पहले प्रकट हुए थे। इसलिए, आदम, जो छठे दिन प्रकट हुआ, वह यीशु को दर्शाता है जो अंतिम दिनों में, अनन्त विश्राम से ठीक पहले, दूसरी बार आते हैं। इस प्रकार, परमेश्वर ने आदि से ही भविष्यवाणी की थी कि यीशु अंतिम आदम के रूप में दूसरी बार प्रकट होंगे।
हव्वा माता परमेश्वर को दर्शाती है
आदम जो छठे दिन परमेश्वर के स्वरूप में बनाया गया, दूसरी बार आने वाले यीशु, पिता परमेश्वर को दर्शाता है, जो अंतिम दिनों में शरीर में आते हैं। हव्वा जो उसी दिन परमेश्वर के स्वरूप में बनाई गई, माता परमेश्वर को दर्शाती है जो अंतिम दिनों में शरीर में आती हैं।
“आओ, हम आनन्दित और मगन हों, और उसकी स्तुति करें, क्योंकि मेम्ने का विवाह आ पहुंचा है, और उसकी दुल्हिन ने अपने आप को तैयार कर लिया है।” प्रक 19:7
बाइबल भविष्यवाणी करती है कि अंत के दिनों में दुल्हिन, मेमने की पत्नी, मेमने के साथ प्रकट होगी। यहां, मेमना यीशु को दर्शाता है(यूह 1:29); और विशेष रूप से, यह दूसरी बार आने वाले यीशु को दर्शाता है क्योंकि वह अपने पहले आगमन के विपरीत, दुल्हिन के साथ प्रकट होते हैं। यीशु के दूसरे आगमन पर, उनके साथ दुल्हिन प्रकट होती है। प्रकाशितवाक्य 22 में, उन्हें आत्मा और दुल्हिन के रूप में वर्णित किया गया है।
आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ…” प्रक 22:17
अनन्त विश्राम से ठीक पहले प्रकट होने वाले आत्मा और दुल्हिन, आदम और हव्वा की वास्तविकता हैं, जिन्हें विश्राम से ठीक पहले बनाया गया था। दूसरे शब्दों में, आत्मा और दुल्हिन, अंतिम आदम और अंतिम हव्वा हैं जो अंत के दिनों में प्रकट होते हैं। तब, अंतिम हव्वा, दुल्हिन यानी मेमने की पत्नी कौन है?
फिर जिन सात स्वर्गदूतों के पास सात अन्तिम विपत्तियों से भरे हुए सात कटोरे थे, उनमें से एक मेरे पास आया, और मेरे साथ बातें करके कहा, “इधर आ, मैं तुझे दुल्हिन अर्थात् मेम्ने की पत्नी दिखाऊंगा।” तब वह मुझे आत्मा में एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया। प्रक 21:9-10
स्वर्गदूत ने प्रेरित यूहन्ना से कहा कि वह उसे दुल्हिन, मेमने की पत्नी दिखाएगा, और फिर स्वर्गदूत ने उसे यरूशलेम को स्वर्ग से उतरते दिखाया। इसका मतलब है कि दुल्हिन जो अंत के दिनों में प्रकट होती है, स्वर्गीय यरूशलेम को दर्शाती है। बाइबल में, जिसे स्वर्गीय यरूशलेम के रूप में दर्शाया गया है, वह स्वर्गीय माता हैं।
पर ऊपर की यरूशलेम स्वतंत्र है, और वह हमारी माता है। गल 4:26
दुल्हिन अर्थात् मेमने की पत्नी, माता परमेश्वर हैं जो अंत के दिनों में पिता परमेश्वर के साथ, जो दूसरी बार आने वाले यीशु हैं, शरीर में पृथ्वी पर आती हैं। छह दिन की सृष्टि की भविष्यवाणी के अनुसार, 6,000 वर्ष के छुटकारे के कार्य के अंत में पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर इस पृथ्वी पर अंतिम आदम और अंतिम हव्वा के रूप में प्रकट होते हैं।
अंतिम आदम और हव्वा, आत्मा और दुल्हिन
कुछ लोग दुल्हिन को चर्च, यानी संत बताते हुए माता परमेश्वर के आगमन का इनकार करते हैं। लेकिन, छह दिनों की सृष्टि की भविष्यवाणी के माध्यम से, परमेश्वर ने प्रकट किया कि अंतिम आदम और हव्वा, आत्मा और दुल्हिन उद्धारकर्ता हैं।
फिर परमेश्वर ने कहा, “हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपनी समानता में बनाएं; और वे समुद्र की मछलियों, और आकाश के पक्षियों, और घरेलू पशुओं, और सारी पृथ्वी पर, और सब रेंगनेवाले जन्तुओं पर जो पृथ्वी पर रेंगते हैं, अधिकार रखें।” तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया; नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की। और परमेश्वर ने उनको आशीष दी, और उनसे कहा, “फूलो-फलो, और पृथ्वी में भर जाओ, और उसको अपने वश में कर लो; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर अधिकार रखो।” उत 1:26-28
परमेश्वर ने आदम और हव्वा को भूमि को वश में करने का; और समुद्र की मछलियों, तथा आकाश के पक्षियों, और पृथ्वी पर रेंगनेवाले सब जन्तुओं पर शासन करने का अधिकार दिया। इसका मतलब है कि आदम और हव्वा पृथ्वी पर सभी जन्तुओं के शासक हैं। हमें इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि आदम की तरह, हव्वा भी एक शासक हैं। इसका मतलब है कि हव्वा की वास्तविकता, दुल्हिन भी आदम की वास्तविकता, दूसरी बार आने वाले यीशु के समान उद्धारकर्ता हैं।
भविष्यवाणी के अनुसार, आदम और हव्वा के शासन के अधीन जन्तु, दुनिया के उन सभी लोगों को दर्शाते हैं जो बचाए जाएंगे(प्रे 10:11-16, 28-29)। परमेश्वर के लोगों की तुलना जिनका नेतृत्व आत्मा और दुल्हिन द्वारा किया जाएगा, उन जन्तुओं से की गई है, जिन पर आदम और हव्वा ने शासन किया था। इसलिए, हव्वा की वास्तविकता उद्धार पाने वाले संत नहीं, बल्कि उद्धारकर्ता है जो संतों को उद्धार की ओर ले जाती हैं।
अंतिम दिनों में प्रकट होने वाली दुल्हिन माता परमेश्वर हैं जो स्वर्ग के नीचे सभी लोगों को बचाएंगी। इस अंतिम युग में, परमेश्वर के लोग अनन्त जीवन तभी प्राप्त कर सकते हैं जब वे जीवन का जल देने वाले आत्मा और दुल्हिन, अंतिम आदम और अंतिम हव्वा, अर्थात् पिता परमेश्वर और माता परमेश्वर को ग्रहण करते हैं।
आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!” और सुननेवाला भी कहे, “आ!” जो प्यासा हो वह आए, और जो कोई चाहे वह जीवन का जल सेंतमेंत ले। प्रक 22:17